बिफे अगहन २० , २० मंसिर २०८१, बिहीबार| थारु संम्बत:२६४७

थारु समुदायमे बियार छिटाइ

थारु समुदायमे बियार छिटाइ

थारु समुदायमे बियार छिटाइ

हम्रे थारु किसान हुइटि । हमार अपन पहिचान बा । हम्रे औरे जहनके भरमे नैपरठि । मेहेनट कना चिज हम्रे थारुनके सबसे जेडा डेखे सेक्ठी । असार महिनामे हमार थारुनके काम अइटी बटिन । जेठ महिनाके चिरंगन् घाममे हमार धान लगाइक लाग बियार छिट्ना समय कहिके जान जाइठ । बियार छिट्नासे पहिले धान कसिक भिजैना ओकर बारेम् कुछ बयान कैगैल बा यहाँ ।

१.धान छिट्नासे पहिले का धान लगैना हो । ओकर बारेम मजासे छनोट कर्ना ।

२.धान टमान मेरक रहठ । सर्जुल, राधाचार, अन्डीक धान, मन्सुली, मकवानपुर, अरराइज, चैनी, लगायत औरे धानफे जग्गा अनुसार लगाजाइठ् ।

३.बियार छिट्नासे पहिले धानहे मजासे छानके बोरी या कट्टामे डारके पानीमे भिजाजाइठ् । जहाँ ढेर पानी मे डुबाके ढारजाइठ् ।

४.भिजाइल धानहे कम्टीमे ३/४ दिनसम भिजा जाइठ् ।
५.तीन चार दिन हुइट् टे धान मजासे फुलजाइठ । भिजाइल धानहे पानी मसे निकर्ना ।

६.धानहे निकारके गोबर पानीसे गोबराके उहि अँखुवाइक् लाग लाग धानहे मजासे हावा नैछिर्ना मेरके बोरी ओ पट्टासे छोपे परठ् ।

७.धानहे कोनो हावा नैछिर्ना मेरके डबाइ परठ् ।

८.धान डबैलक् २/३ दिनमे धान मेसे ओकर टुसा निकरठ या अँखुवा जाइठ् ।

९.असिक बोइना बियार तयार होजाइठ । तयार हुइल बियार छिटजाइठ ।

११. उहिसे पहिले बियार बोइना खेटुवा जोट जाइठ् ।

११.जोटल खेटुवामे बोरिङ्से पानी डारके गोरु भैंस लेके किलवाहि लगाके बियार छिटक् लाग उँइरा टयार कैजाइठ ।

१२.जब उँइरा तयार होजाइठ टे उहिन पानी ओ माटि जबसम नैठिर्याइठ टबसम बियार नैछिटे परठ् ।

१३.बिहानके तयार करल लेवामे साँझके बियार छिट्ना उपयुक्त मानजाइठ् ।

१४.बियार छिटे बेरफे बियार ठिक्के पर छिट्ना, ढेर या महा घन्के छिट्बो टे बियार मर्ना, बियार मजा नै हुइना जसिन समस्या डेखजाइठ् ।

१५. असिक छिटल बियार २१/२२ दिन मे लगाइक लाग तयार हुइठ् ।

अस्टेके टमान तरिकासे बियार बोजाइठ । बैशाख के ओरौनी या जेठके पहिल अँठ्वारमे छिटल बियार असारमे या २१ से २२ दिनमे टयार होजाइठ् । बियार हमार हाँठके एक बिट्टासे लम्मा होजाइठ टे बियार खेटुवामे लगाइक लाग उपयुक्त रहठ् । असार, साउनके महिना किसानन्के लाग खेतीपाती के सिजन हो । बियार लगाइ बेर सजना गैना चलन फें बा ।
खेटुवम् पेल्नासे पहिले या सुरुक् दिन लावा कल्वा खैना चलन बा थारु समुदायमे ।
शान्ती चौधरी
कंचनपुर


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