शनिच्चर कार्तिक २४ , २४ कार्तिक २०८१, शनिबार| थारु संम्बत:२६४७

निम

निम
  • यदि विग्रल ग्रन्थी या घाउ बा कलेसे यकर पतिया पिसके लेप कैदेउ घाढ सुखा जाई ।
  • खुजली दाद मुहेमे खतरा सास गन्डैना , छालाके रोगमे यकर पाता रिझाके काढा बनाके काढासे लहाके साफ हुके निमक तेल शरिरमे घसलेउ ठिक हुजाई । अपच होगिल कलेसे लारी चल्ना बन्द हुजाईते यकर तेल ढिकाके मालिस करो ठिक हाजाई । यदि कपारीमे चिल्लर बातै, शीरमे संक्रमण रोगके दुर करेकतन यकर विया पिसके लेप करो या खाली पातासे या तेलसे कपार मालिस करो ठिक हुजाई ।
  • बाबसिर यदि बाते निमके फारा, फुन्गी, मंगराथा (भ“गरैल) मे पिसके ६ मासक बराबर गोली बनाके खालेउ मासा सुखाजाई या बाबासिर हेराजाई ।
  • यौन अगं मे खुजली बा या छोट–छोट दाना वला फुसगुरी बा , स्वेत प्रदर (उज्जर) पिब निकरना बा ते निमके पत्ताके काढा बनाके साफ करो ओकर पाछे निमक तेल लगालेउ चोखाजाई ।
  • यदि पेटम किरा परल बात कलेसे निमक पत्ता पिसके या चबाके रस पियो किरा मरजैही ।
  • मलरिया या जुरी बा कलेसे निमक छाली या पाताके काढा बनाके दिनमे तीन बेर पिवादेउ , घसदेउ , दुर्बलता हतजाई , मलरिया दुर होजाई ।
  • यदि मधुमेह रोग बाते सक्कारे के रोज एक मुथ्था फुन्गी ओला पतिया चबाके पनी पिलेउ , मधुमेह रोग नियन्त्रणमे आजाई ।
  • यदि सर्दी परलेहल ते निमके पाता पिसके रोज दिन सक्कारेके सर्बत बनाके या ओस्ते पतिया चबाके रोज दिन बासी पानीक संगे खाउ । सर्दी भाग जाई ।
  • यदि गर्मी पकर लेहल कलेसे निमके पतिया सा“झके पिसके पानी भा“डामे धैदेउ सितवाके विहानके उहे भिजाईल पाता खोब मसोरके सर्बत बनाके बासी मुहे रोन पिओ , गर्मी दुर हुजाई । जब टक गर्मीके दिन रही टब टक पियल करो , यदि छोट लर्का सर्दी – गर्मी लागल बटिनटे सा“झके समयमे निम पानीसे लहवादेउ जुरी गर्मी दुर हुजाई ।

– साभार बिरबहादुरके खर्खोड्वा बिरुवा


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