शुक चैत १६ , १६ चैत्र २०८०, शुक्रबार| थारु संम्बत:२६४७

डवाइ बिराइके परिचय

डवाइ बिराइके परिचय

डवाइ बिराइके परिचय

हमार गाउँ ठाउँमे रहल टमान रुखवा बरिखवाके, झारपाट, फुला फाराके फेन दुख बिमार पर्लेसे रुखवा बरिखवाके बिरुवाके रुपमे फेन प्रयोग हम्रे कर्ठी । ओहे रुखवा बरिखवाके बारेमे कुछ चर्चा कैल बा ।

निम
निमके पटिया गर्मी लागलमे पिसके या निमके पटिया मसोरके सर्बट बनाके बासी मुँह रोज बिहानके पिबो टे गर्मी हट्जाइठ । ओस्टके एकर पटिया पिसके घाउ, खुजली मुहेम खटरा, साँस गन्ढैना, छालाके रोगमे एकर पटिया विरुवा लागठ । अपच होगिल कलेसे लारी चल्ना बन्द हुजाइ टे एकर तेल ढिकाके मालिस् करबो टे ठीक हुइजाइठ् । अस्टके यि टमान रोग विरोग मलेरिया, बबासीर, पेटके किरा, मधुमहे, सर्डी जसिन टमान रोगमे प्रयोग करे सेक्जाइठ् ।

आँम
यि अमृत वृक्ष फेन हो । यि रुखवामे बहुट लाभदायक रहठ् । कौनो फेन काममे एकर फलसे मेरमेरिक परिकार फेन बनाइ सेक्जाइठ । एकर फलके बहुट बिरुवा फेन लागठ । छोट लर्का या बरा मनै आम खाके गहजैठ टे गह हटैनामे फेन विरुवा लागठ् ।

पिपरा
यदि कखौरीमे कलीनजर खटरा उठटा कलेसे एकर दुध निटारके उहे खटरामे रुवामे चुहाके डारके लगालेउ खटरा सुखजाइठ । यि रुखवामसे हम्रे सक्कु मनै अक्सिजन फेन पैइठि ।

ढटौर
यि भगवान शंकरहे नशा स्वरुप प्रसाद चर्हा जाइठ् । यि बरा खटरनाक बिरुवा हो । गोरु फुलगैल कलेसे एकर बिया पीसके जाँरक लरवामे मिलाके खवाडेबो कलेसे पेट सफा हुइजैठिन् ।

अमरुट
हेग्नी लागल बा कलेसे अमरुटके फुन्गी पीसके ओ ओस्टे चबाके खाके पानी पिबो टे मजा कराइठ ।

घ्युकुवाँरी
यि बहुट मेरके रोगमे बिरुवा लागठ् । हाँठ गोरा डहलेलो कलेसे एकर रस लगालेउ खटरा हलि चोखाजाइठ । पेट बठैना हुइल, अपच हुइल, झाडा कराइटा, भिट्टर गोला हुइजाइटा, क्यान्सरके सिकायट बा कलेसे एकर पटियक छोटछोट गिट्टी काटके उहे दुइदुइ गिट्टी दिनमे दुइचो खाउ जौन मेरके सिकायट रही ढिरेढिरे चोखाजाइ ।

बाँसक् पटिया
यि गोरु भैंस, छेग्री भेंरीनके बच्चनके आँवर (साल) नैझठिन कलेसे एकर पाटा खवाडेबो टे आँवर झरजैठिन ।

आँवर बाँवर
यि परजीवि हो । एकठो बौरा हो । एकर पाटा नैरहठ । डोसर रुखवक आरमे जियल रहठ् । यि हड्यार रंगके बौरा हो । जीव जन्तु पेटके रोगी हुगैल, फुलगैल, पेटके बठ्ठासे छट्पटाइट कलेसे यिहे बौरक रंस ठिचके सारा अंग तीन चार दिन सम मालिस करबो टे मजा हुइजैठैं । ओस्टके मनैनके फेन अचानक कहु पीडा हुगैल कलेसे यिहिहे लगाके सेकबो टे बठैना डुर हुइजाइठ ।

गेंडाफुला
यदि कपारमे भुभुइ पर्गैल, कौनो मेरके कपार बठाइनामे एकर पटिया पिसके रस नाक ओरसे सुर्की छिक आइल की व्यथा खटम हुजाइठ । यदि कटल घाउ, घाउ हुगैल कलेसे तुरुन्त एकर पटिया ठिचके घाउमे लगाडेबो कलेसे रगत बहना बन्द हुइजाइठ । ओस्टके कौनो मनैन बोली भुसियाइल बा कलेसे यिहे फुलक माला घालके ओकर ठेनजाइ टे उ मोहिट हुके बोले लागी, अस्टे अस्टे बहुट चिजमे लागठ । यी बहुट मेरके पुजापाठमे फेन यी फुलक प्रयोग करठैं ।

गुलाब
यदि खतरा उठटा कलेसे गुलाफके पटिया खोब मसिनसे पीसके लेप कैलेउ खतरा सुखजाइठ ।

साही
यी एक प्रकारके चिरैं फेन हुइट । यदि पेटमे बरोड बार्हल बा या पुरानसे पुरान पेट बठ्ठी सुल बा । साहीनके काटीमे अढाइ मरिच, अढाइ जौ अक्केमे मिलाके पिसके दिनमे तीन खुराक पिबो टे मजा विरुवा लागठ । एकर कर्जा पित्तके सेवन कर्बो टे मधुक रसमे ठोरचे मिलाके पानीमे घोरके १ अँठवार दिनमे एकबार खैबो टे पेटफे रोग हट्जाइठ ।

गोरुक घिउ
यी बहुट पौष्टिक आहार हो । एम्ने बहुट मेरके भिटामिन मिलठ् । कौनो चिज पकवान, मिठाइ रोटीसंगे खाइ सेक्जाइठ ।

गैंडक मुट
पेटमे खट्रा, बाइ, सुल बा या कौनो मेरके उडर रोग बा कलेसे बारा चम्चाके दुइ चम्चा बनाके रोज साँझ सकारे एकएक खुराक बनाके पिबो टे ठिक हुइजाइठ ।

घोंरीनके टाप
कान खुजियाइ टे हाँठ किल्बिलाइ या गोर किल्बलाइ टे घोंरिनके टाप अढाइ जौमे घोटके दिनमे तीनबार पिलेसे चोखाजाइठ ।

घोरिनके कैंजा
चिहँु फाट्टा, ढेबर फाट्टा कलेसे घोरिनके कैंजा पाँचबार चिहुँमे ढेबरमे छुवाइबो टे नैफाटट् । ओस्टके वन गोहरा, गोहटिनके गोर या पन्जा लेके जन्नीनके दुधके ठान्हाहे झरठैं टे दुध आइलग्ठिन् ।

गहडुलिक सिकार
यी एक जंगली चिरैं हुइटँ । एकर सिकार खोंखी लागलमे खैबो खोंखी डुर हुइजाइट । ओर शरीर फेन बलगर कराइठ ।

बाघके दुध
एकर दुध आंखी पाकलमे डर्बो टे मजा हुइजाठ । एकर दुध डरलेसे आंखी नैपाकट । ओर बहुट तागट फेन मिलठ् ।

मँजोरिनके पिट
यी जंगली चिरैं हुइट । मजोर घरके सुहाउनके लाग फेन पलठैं । एकर पित्त बिषालु किरा कटल घाउमे ढैके बिमारीहे ठोरचे पिवाडेबो टे बिष नै लागठ् ।

अजगरके छाला
शरीर बठैइना, पुठ्ठा कर्हिउ बठैइना, हाँठक् जोर्नी, गुरिया शरीरके प्रत्येक अंग बठैना हुइल कलेसे यीहे साँपके छालक पेटी बनाके बहनबो या सुटेबेर छाला बिछाके ओंहरके आसन बनाके सुटबो टे शरीर बठैना बन्ड हुइजाइठ् ।

लसुनके तेल
यदि कहँु कट्गिल बा कलेसे लसुनके रस निटारके घाउमे चुहालेबो टे रगत ठम्जाइठ् ।

परोर
परोर एक प्रकारके खाद्यस्तु फेन हो । एकर फल टिनाके रुपमे फेन खैना करठी । यदि डिसा नैकराइठो कलेसे परोरके जर कोरके पिसके आढा कैके खोरिया पिबो टे पेट कट्ना डिसा कैके मिच्छा जैबो टे एकर फुन्गी, अढाइ जौ, अढाइ मरिच मिलाके पियाजके रस एक कटोरा पिलेउ डिसा गठियाजाइठ् । टबे बारबार डिसा करेजाइ नैपरठ् ।
टमाटर
यी बहुट स्वादिष्ट रहठ् । एकर चट्नी बनाके खैबो टे पेट सफा हुइठ् । पेट गरबर बा कलेसे पाकल टमाटर खैबो टे पेट सफा हुइजाइठ् । एम्हेंसे भिटामिन ‘ए’ सबसे ढेर पाजाइठ । टमाटर मसालाके रुपमे फेन खैंठैं ।

गाजर
यी एक प्रकारके खाद्यवस्तु हो । यी दुई मेरके रहठ् । एकठो लाल, एकठो उज्जर रहठ् । यी भिटामिनके लाग उपयुक्त मानजाइठ् । गर्मी पकरलमे ओ कपार बठैनामे कच्चे गाजर खैबो टे ठिक हुइजाइठ् । यी गुरी रहठ् । स्वादिष्ट फेन रहठ । पेटके पाचक ओ मिष्ठान भन्डार बनाइठ् । जबे खैलेसे फेन कौनो नोक्सान नैकरठ् ।

टरुल
यी माटिक भिट्टर ओंइर्ना एक प्रकारके खाद्यवस्तु हो । यी कैयौं जातके रहठ् । यी सालभरमे माटिक भिट्टर १ किलोसे लेके ५ किलोसम रहठ् । यी व्रत पुजापाठमे फेन प्रसादके रुपमे चर्हा जाइठ् । विशेष कैके टरुल माघके दिन खैठैं । यी हल्का गुरी रहठ् । पेटके लाग बहुट लाभदायक विरुवा हो । यदि पेटमे रोग बा कलेसे गोरुक दुध या सहठ्मे मिलाके रोज पिबो टे पेटके भिट्टर रहल रोग मेटजाइठ ।

बेसार
यदि खोब सर्डी लागल बा कलेसे कच्ले गाँठ पीसके आगीमे खोब रिझाके टट्ले गिलासमे पीलेबो टे सर्डी डुर हुइजाइठ् ।

डुलरि
यदि पेटमे रीज परल बटैं कलेसे भेन्डीक् जर कोरके टिपुरके तीन चार डाना पीसके भेन्डीक् जर ओ टिपुर मिलाके पिलेबो टे रीज मरजैठैं ।

सेम
एकर बौंरा रहठ । यी पौरहठं । एकर टिना फेन खैठैं । एकर बहुट मेरके परिकार बनाके खाइसेक्जाइठ् । यदि छेग्री, भेंरी, सुवँरके, मुर्गीके, गोर टुट्गैल कलेसे यी सेमके पटियाक् रस टुट्ल ठाउँमे लगाके घाउ बाँढ डेउ ओ पटिया खवाडेबो टे कुछ दिन पाछे हड्डी जोंट्जाइठ घाउ खतरा चोंखाजनइठ् ।

पियाज
एकर चट्नी, पकौरी, मसला हरेक परिकारमे बनाके खाउ । यदि घाटी पकरले बा कलेसे पियाजक् कचौरा खालेउ सफा हुइजाइठ् । ओ आँखी पाकल बा कलेसे साँझके दुई बुंडा डारलेउ सफा हुइजाइठ् ।

ढनियाँ
एकर पटिया परिकारमे मसलाके रुपमे बहुट मजा रहठ् । धनियाँक् भुक्का मसलाके रुपमे बनाजाइठ् । यदि पुरान सकडम बा कलेसे पुरान धनियाँक् फारा, पैंयक बोक्ला, जटारशंखरके पटिया, लसुनके जावा चार मिलाके अक्केमे चुर्ण बनाके यिहीमधुरके रसमे सानके गोरु या भैंसके घिउमे हल्वा बनाके ओ चानक बिया बमोजिम गोली पारके तीन गोली तीन जुन सम खाके आराम करो सकडम बन्ड हुइजाइठ् ।

करैला
यदि कच्चे करैला रोज दिन सकारेके भुखले पेट खाके पानी पिलेउ पेट डिसा साफ हुइजाइठ । कब्जियतके लाग सुखाइल करैला पानीमे भिजाके पानी पिओ ठीक हुइजाइठ । ओ बिपी ढेर हुइलमे बिपी कम करना काम फेन करठ् ।

कुन्ढरु
एकर टिना बहुट स्वादिष्ट पेटके लाग फलदायक चिज हो । यदि केक्रो बरोट बहरके पेट बठाइटा कलेसे कच्चे कुन्ढरु रोज दिन तीन चारठो कच्चे फारा खाके पानी पिलेउ बरोट रोग खटम हुइजाइठ् ।

खिरा
यी फल भुइयाँमे पौर्हाके या डन्गामे फराजाइठ् । पानी पियास लागल कलेसे पानीके सत्तामे अपन इच्छा अनुसार एकठो दुईठो खालेबो कलेसे दिनभर प्यास मेटाडेहठ । गर्मी महिनाके लाग बहुट लाभदायक फल हो ।

केरा
यदि किहुहे डिसा कराइटा कलेसे केराके जर पीसके एक खोरिया रस पिलेउ डिसा ठम्जाइठ । कच्चे केरा खैलेसे फेन रकट माछी डिसा मेट्जाइठ् ।

उरुड
भोजके मुख्य परिकार हो । कही गल्चुम्मी उठ्टा कलेसे खोब मसिनके पीसके ठोरचे पानीमे चुन ओ उरुडक् चुनी गल्चुम्मीमे लगालेउ मजा हुइजाइठ् ।

अडुवा
हर्डिक नन्र्हे डाँठ रहना अदुवक् जर फेन हर्डिक नन्हे जो रहठ् । भुइयाँमे ओंइर्ना यी एक किलोसम फरठ् । अदुवा खास कैके पहारी ठाउँमे ढेर फरल डेखजाइठ् । तराइमे ओछर ठाउँमे फेन हुइल डेखजाइठ । हल्का कोरु रहना यी खाँसी, सर्डीमे बहुट लाभडायक बा ।

मुरै
यी जात खैना साग सब्जीमे गन्जाइठ् । यी बहुट जातके रहठ । कौनो लाल, टे कौनो उज्जर रहठ । नम्मा, चाप्पर पटिया कौनो काँटाडार खस्रार कौनो चिक्टार कैयौं मेरके रहठ् । यी टिना कच्चे , अचार सिर्काके रुपमे खाजाइठ् । यी खास कैके जार मौसममे हुइना जात हो । लेकिन यी बारोमास फेन खेती करे सेक्जाइठ् । यदि पेटमे कब्जियट हुगैल कलेसे डकर नैआइठो, पेट पचल नैलागठ कलेसे नोनक् संगे खैबो टे डकर आइठ टे पेट साफ हुइजाइठ् । यी भातके संगे महत्वपूर्ण कचौरा हो । ओस्टके यी टमान रोगमे प्रयोग करे सेक्जाइठ् ।

अस्टके टमान मेरके डवाइ विराइ लग्ना जडीबुटी बटैं । यी बाहेक औरे फेन बटैं । मने मै अपन जानल किल लिखल बटुं । ओर अपन जानल ओर फेन बटाइ सेक्बी ।
रविता चौधरी


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