मंगर चैत ०६ , ६ चैत्र २०८०, मंगलवार| थारु संम्बत:२६४७

भन्सरिया व्यवस्थापन

भन्सरिया व्यवस्थापन

भन्सरिया व्यवस्थापन

हमार थारु समुदायमे भन्सरियाके बहुट भारी महत्व रहठ् । भन्सरिया कलेक घर परिवारके सक्कु जहनके लाग खाना पकाइ लाग एकठो छुट्टे मनै छुट्याइल रठैं । उहिहे भन्सरियाके रुपमे जनाजाइठ् । भन्सारिया मनै भन्साके सक्कु काम हेरठैं । खाना पकैनासे लेके सक्कुहुन खानापानी पुगैना खानाके व्यवस्था मिलैना काम भन्सरियनके हो । भन्सा कोठाहे सफा सुग्घुर कर्ना भाँरा मिलाके ढर्ना लिपपोट कर्ना यी सक्कु भन्सरियाके काम रहठ् ।

पहिलेक समयमे हमार थारु समुदायमे भन्सरियाके व्यवस्थापन बहुट मजासे करिंट । पहिलेक समयमे घरपरिवार ढेर संख्यामा रहिंट । दुइ सय, सय पाँच जाने मनै कैके ढेर संख्यामे डेखा परिंट् । भारी परिवारमे खाना पकैना भन्साके काम भन्सरिया जन्नी मनै पलिकपाला करिंट् । ढेर मनै रहल परिवारमे भन्सा दुइ दुइ महिना पाला लगाके खाना पकैना काम करिट् । भारी परिवार रहल मनै चार चार महिनाके पाला लगाके भन्साके काम करिट् । हमार समुदायमे खेटीपाटीके समयमे सक्कुजे खेट्वामे काम करे जैना भन्सरिया किल घरे रहना चलन रहे । भन्सरिया मनै सक्कु जहन लाग खानापानीलेके खेट्वामे खाना डहे जैना चलन रहे । खेट्वामे सक्कु जहन खाना खवाके भन्सरिया सक्कु जहनसे पाछे खाना खाइ परठ । फुर्सड मिल्लेसे एक घचिंक खेट्वाके काम कर्ना नैटे घरे चलजैना मिझनी पकाइ घरे आके सक्कु जहन लाग मिझनी पकैना रहे । टब फेन डुपहरके खाना डेहे जैना फेन सक्कु जहन खाना खवाके फेन घरे आके रातिक खाना बेरी पकैना काम करठंै । भन्सरिया मनै पहिलेके समय भन्सा कर्ना परिवारके जन्नी मनै पालिकपाला भन्सा करिंट । अझकालके समयमे भारी परिवार बहुट कम डेखा परठैं । अपन अपन परिवार लेके अल्गे बैठल डेखा परठैं । छोट परिवारमे भन्सा जन्नी मनै सक्कु बेला करठंै । हमार डेखट घरिम् भन्सरिया मनै भन्साके लाग अपनहे धान कुटइना, तेल पेराइना, पिठा पिसइना, चाउर केरैना सक्कु अपनहि काम करठैं । भन्सामे का चिजके कमी बा का चीज मिलैना बा यी सक्कु भन्सरियक् काम हो ।

हमार थारु समुदायके भोजकाजमे, मर्निकर्निमे, भारी भन्साके रहठ् । यी भन्सामे एकठो मनै भन्सा करे नैसेक्ना रहठ् । गाउँ ठाउँके मनैनहे बलाके भन्सामे काम करे लगैठंै । यी भन्सामे बहुट मनैके आवश्यता परठ् । कार्यक्रममे कट्रा मनै बटंै ओहे हिसाबसे भन्साके समानके व्यवस्था करे पर्ना रहठ् । भन्सामे आवश्यता परल समानकेफें व्यवस्था हुइ पर्ना एकडम जरुरी रहठ् । टब भन्साके खानाफें स्वादिस्त, मिठ पकैना काम भन्सरियनके काम रहठ् । भन्सरिया व्यवस्थापन अपन अपन तरिकासे कर्ठंै । छोट परिवार ओ भारी परिवारमे फरक फरक मेरके व्यवस्था करल रहठ् । थारु समुदायमे भन्सरियनके बहुट ढेर जिम्मेवारी रहठ ।
रेनुका चौधरी


error: Content is protected !!