शुक बैशाख १४ , १४ बैशाख २०८१, शुक्रबार| थारु संम्बत:२६४७

हमार साँघरिया सपुवा

हमार साँघरिया सपुवा

यी प्रकृति वातावरण तमानमेरके सजिव ओ निर्जिव बस्तुसे भरिभराउ बा । हावापानी, माटी, तमान रुख्वा, बरिखुवा, जीवजन्तु यकर आधारभुत तत्व हुइटै । यी प्रकृतिमे रहल सक्कु सजिव ओ निर्जिव बस्तुहुकनके बस्तु गहिर सम्बन्ध बा ।

जैसिके एकठो रथ दौरक लाग दुईठो चक्का अनिवार्य चाहठ । ओस्तके यी वातावरण चलेक लाग, सन्तुलन अवस्थामे रहेक लाग सजिव ओ निर्जिव दुनु बस्तु हुइक परठ । यी प्रकृतिमे रहल हरेक बस्तुके बराबर महत्व बा ।

सजिव जानवर ‘भर्टिब्रेटस्’ अन्तरगत रेप्टेलिया फाइलममे पर्ना रहल जीव सपिनके फेन यी प्रकृतिमे ओत्रही धिउर महत्व बा । सपुवा कहटी किल हम्रे विख्खर खतरनाक जानवर ओ आपन दुस्मन मन्ठी । मने असिन नैहो, साप हमार साँघरिया जसिन हुइटै । हमार सोचाई सापप्रति एकदमे गलत बा । लेकिन वास्तवमे साप हमार दुस्मन नैहुइटै ।

साप फेन आपन जाति–प्रजाति अनुसार विख्खार रहठै । कोई साप विख्खार नैरहठै । ते कोई कम विख्खार ते कोई बहुट ज्यादा विख्खार रहठै । तराई क्षेत्रमे खासकैके आजकालके बर्खाबुदिक समयमे ज्यादा देखा पर्ठै । कोई साप हानी पुगैठै, ते कोई हानी नैपुगैठै । हुइना ते हो, हम्रहीन विख्खार साप देख्टीकिल, कटिकिल डर लागठ ।

आउर ओइनहे जसिक फेन पर्ना चाहठी । काहेकी सापप्रति हमार एकदम गलत सोचाई बा । हम्रे यी वातावरणमे रहल सापिनसे मिल्ना फाइदा नैजन्ले हुई, सायद तब्बेकमारे ओइनहे हेलाहा करठी । यी प्रकृतिमे रहल हावामे रहल तमान मेरके औरे–औरे ग्यास बा । जस्ते अक्सिजन, कार्वनडाईअक्साइड, सल्फर, नाइट्रोजन ओ तमान गने नैसेक्ना ग्यास रहल बा ।

मानव ओइनके आधुनिकीकरणके कारणसे हमार वातावरण बहुट ज्यादा मात्रामे प्रदुषित हुइल बा । जस्ते तमान मेरके फेक्ट्री, गाडीमन्से निक्रन ढुवाँ, रसायन कम्पनीमन्से निक्रना विषालु रसायन, गन्ध इत्यादिके कारण हमार वातावरण पुरा रुपसे प्रदुषित हुइल बा । हमार अब्बेक वातावरण अत्रा प्रदुषित होके फेन हम्रे यहाँ कसिके बाँचल बाटी ? हम्रे असिन वातावरणमे बाँचे सेकल कारण साँप ओइनके बहुट भूमिका बा ।

साँप ओइनके कारणसे वातावरण विषालु हुइनासे बचल बा । जन्मजातसे साँपिनके खासकैके जिप फाटल रहठिन । यी फाटल जिप हमार लाग ओट्ना हानिकारक नैहोके बहुट फाइदाजनक बा । साँपिनके फाटल जिप समय–समयमे बाहेर निकारके आपन डगर पता लगैठै । साथ–साथे वातावरणमे रहल रासायकिन तथा विषालु चिजहे आपन उ फाटल जिपमे टन्ठै । साँपिनके माथेम एकठो छोटमोट ठैली रहठिन, जेहिहे ‘जेकप्सन ओरगन’ कहठै । आपन जिप वाहेर निकारके साँपहुक्रे वातावरणमे रहल विषालु तत्वहे आपन जिपसे जेकप्सन ओरगनमे जम्मा करठै ।

ओ जम्मा हुइल उ तत्व साँपिनके विष बनठ । जेकर कारण साँप विख्खार रहठै । ओस्तके साँपहुक्रे प्रकतिमे रहल हानिकारक ग्यासहे संकलन करके यी वातावरणहे विषालु हुइनासे बचैठै ।

आजके आधुनिक जमानामे मानव ओइनके कामकाजके कारणसे यी वातावरण हानिकारण ते हुइटी जाइटा । मने मानवहुकनके कारण यी वातावरण साँपिनके संख्या फेन ज्यादा मात्रामो घट्टी जाइटा ।

साँपिनहे देख्टी किल हम्रे मारे खोज्ना, विना कारण मारदेना कारणसे ओइनके संख्या घटल ओ ओइनके जाति–प्रजाति अनुसार ओइनमे ज्यादा मात्रामे भिटामिन, प्रोटिन, खनिज पैनाके कारण ओइन मानवहुकनके आहार बनल कारण फेन संख्यामे कमी हुइटी गैल बा ।

साँप अत्रे विख्खार रहठै, ओइनमे अत्रही मात्रामे भिटामिन, प्रोटिन जसिन फाइदाजनक तत्व मिलठ । ओस्तके ओइनहे तमान औषधी बनैना काममे प्रयोग कर्नाके कारणही ओइनके संख्या हमार वातावरणमे घटल बा ।

तमान विख्खार साँप ओ ओइनके प्रजाति यी वातावरणसे लोप हुइल ओ जौन विख्खार नैरहठै उ साँप भर गोटगोट देखा परठै । मेन जौन साँप विख्खार बाटै । ओ बहुट कम देखा परठै । देखा पर्लेसे फेन ओइनहे मारदेना ।

चाहे जहाँसे हुइलेसे फेन खोज–खोज, दुःख,कष्ट करके, डराके हुइलेसे फेन साँपिनहे मारदेनाके कारणसे फेन साँप लोप हुइटी जाइटै ।

साँप प्रकृतिसे अनुकुल बाटै । प्रकृति साँपिनहे विषालु बनाइल । यी कारणसे ताकि हानिकारक ग्यासहे ओइने आपनमे लेहे सेकै ओ मानव, जीव ओ रुख्वा विरुख्वा लाग उचित वातावरण मिलाई सेकै कहिके प्रकृति साँपिन विषालु बनाइल हो । मने हमार अनुचित कामके कारणसे यी वातावरण आउर विषालु हुइटी जाइटा ।

एक ते हमार आधुनिकीकरणके कारण प्रदुषण ओ साँप ओइनहे मारदेनाके कारणसे वातावरण हुई पुगल बा । अत्रही किल नाई वातावरण प्रदुषण ओ विषालु होक तमान मेरके रोग व्याधि सहजुलेसे फटाफट तेजसे फैलटा । वातावरण प्रदुषणके कारण मानव स्वास्थ्यमे तमान मेरके समस्या देखा परठ ।

प्रकृतिसेही विषालु हुइल साँप हमार लाग प्रकृतिमे रहना बहुट जरुरी बा । साँप ओइनहे हम्रे आपन दुस्मन मन्ठी, मने ओइने हमार दुस्मन नैहुइटै । हम्रे अप्नही ओइनहे आपन दुस्मन बनैले बाटी । ओइने ते यी प्रकृतिमे रहल मानव ओ सजिव बस्तुहे हानिकारक तत्वसे बचाइक लाग विषालु हुइलै मने सँपिनप्रति हमार एकदम गलत सोचाई बा । अगर यी वातावरणमे विषालु साँप नैरहठै कलेसे हमार अस्तित्व सायद अब्बे असिन नैरहट । साइत ते हम्रे फेन विषालु रटी ।

साँपिनके संग–संगे यी वातावरणमे रहल तमान जीवजन्तु फेन विषालु बाटै । उ जानवर विषालु हुइलक कारणसे हम्रे मर्ना काम करठी । जस्ते कि, बिच्छी, मकरा, साँप, गोजर जसिन तमान विषालु बाटै । वातावरणहे विषादीसे बचाइक लाग प्रकृति जानवरनहे विषालु बनाइल हो । हमार छरछिमेकमे रहल जत्राफेन जानवर, रुख्वा, बरिखुवा बाटै सक्कुहुनहे वातावरणमे बराबर आवश्यकता, महत्व, फाइदा बाटिन ।

हमार वातावरणमे रहल बहुट जानवर विषालु नैहुइटै ते गोटगाट बाँचल बाटै । मने साँप जसिन विषालु जिव देखा तक नैपरठै । हम्रही वातावरणहे विषालु बनैना संगे विषालु हुई नाइदेना दवाईहे कम करटी ।

हम्रे वातावरणमे रहना साँपिनके फाइदा नैजानके साँपिनहे हेलाहा करठी । जस्तेकी किहु साँप काटदेहल ओ कटुवा पाइल मनैया मरगिल ते उ बेला हम्रे उ सापुवाहे जहाँसे फेन खोजके मारदेठी । अत्रासम पापी ओ निर्दयी बाटी । साँप मनैनहे काटदेहल कलेसे सायद साँपिनके गल्ती नाई हो ।

साँप हम्रहीन तब कटठै, जब हम्रे साँपिनहे चलैठी ओ साँपिनके डग्रीम अइठी । साँप एकठो स्वतन्त्र प्राणी हुइलक कारणसे यी आपन डगरमे कौनो फेन बाधा परल देख्ना नैचाहठ । ओइनके डगरमे कोइ आगिल केलेसे आपन दुस्मन मन्ठै, ओ प्रतिकार करठै । हम्रे ओइनके घरमे कुछ बाधा पुगादेव कलेसे हम्रहीन आपन शत्रु मन्ठै । यी बानी ते सक्कु प्राणीनमे लागु रहठ ।

हमार फेन कोई घर भस्कादी, डगरमे बाधा पुगाइ कलेसे हम्रे फेन प्रतिकार करठी । तबमारे साँप विना कारण कब्बु किहु नाई काट्ठै । साँपिनहे कट्न अवस्थामे हम्रे पुगैठी । तबजाके साँप जानजानके नैकट्ठै, ओइनहे कट्ना बाध्य बनैठी । हमार थारू समाजमे साँपिनहे चिन्ह क्षमता हुइलक कारणसे विख लग्ना ओ नैलग्ना सहजुलेसे छुट्यालेठी । मने हम्रे विख्खार ओ नैविख्खार साँपिनके काटल दोसर तरिकासे जाने सेक्ठी ।

जस्ते मानिकी कौनो सपुवा काटदेहल, उ बेलाम हम्रे ओकर झट्टे उपचार करैना उचित रहठ । विख्खार ओ नैविख्खार साँपिनके काटल हेरके जाने सेकजाइठ हमार थारू समाजमे ।

प्रकृतिमे तमान अनौठो खालके जानवर बाटै । उ जानवर देखके हम्रही फेन कबु ते ओस्तहे कर्ना मनलागठ । बघुवा देखके हम्रहीन लागठ कि मैफेन बघुवा जसिन तेजसे दौरे सेक्ठु । बन्द्रा देखके लागठ मै फेन छलांग लगाइ सेक्टु । मने हमारमे असिन क्षमता, तागत नैहो । यकर सट्टामे हमारमे बुद्धि बा ।

हम्रे आपन बुद्धिसे काम करके बहुट आघे बह्रे सेक्ठी । प्रकृति हम्रहीन बृद्धिमान बनाइल । ताकि वातावरणहे प्रदुषित हुइना ओ जानवरन बचाइ सेक्ना क्षमता बा । मने हम्रे अब्बा आपन बृद्धिहे सही ठाउँमे प्रयोग करे नाई सेकठुई । हम्रे प्रकृृति, वातावरणके संरक्षण करे नाई सेकठुई । जौन वातावरणमे हम्रे जनम लेली, बह्रली हम्रे उ वातावरण आपन घरहे संरक्षण करे नाई सेक्ठी ।

जौन घरम हम्रे सक्कुजाने मानव, जीव जन्तु, वनस्पति बाटी, तबमारे वातावरणहे बचाइक लाग साँपिनके बचावट कर्ना बहुट जरुरी बा । साँप नैहोके हमार वातावरण विषालु हुइटी जाइटा ।

आजतक हम्रे साँपिनके महत्व नाई जन्ले रहि, मने आपन ते साइद जानराख्ली । तबमारे हम्रे साँप मारके नाई साँपिनके संरक्षण करके ओ वातावरणहे विख्खार हुइनासे बचाई । रुख्वा बरिखुुुवा हमार वातावरणहे प्रदुषित हुइनासे बचाइट कलेसे वातावरणमे रहल जीव वातावरणहे सन्तुलित करठै ।

ओ साँप वातावरणमे रहल विष आपनमे धरठै । ओस्तके हमार वातावरण मजा हुइल बा । साँपिनसे किल नाई हम्रे सक्कु जानवरीनके सुरक्षा कर्ना जरुरी बा । हम्रे साँपिनसे तमान तरिकासे बाँचे सेक्ठी । जस्ते कि ओइनके डगरमे बाधा नैपुगैना, घर नैबिगारदेना, ओइनहे नाई जिस्कैना इत्यादि तरिकासे हम्रे साँपिनके संरक्षण करजाइठ ।

हम्रे मानव हुइना कारणसे यी प्रकृतिके संरक्षण करी ओ साँपिनहे बचाके हावामे रहल विषादी ग्यासहे कम कराके बची ओ बचाई । मानव हुइनाके कारणसे आपन भूमिका आपन वातावरणमे निभाई ।
पहलमानपुर–५ कैलाली


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