शुक बैशाख १४ , १४ बैशाख २०८१, शुक्रबार| थारु संम्बत:२६४७

पुरैना टलुवक् परिचय ओ इतिहास

पुरैना टलुवक् परिचय ओ इतिहास

पुरैना टलुवक् परिचय ओ इतिहास
परिचय-
कट्कुँइयाँसे भरल पुरैना टलुवा फेन एक्ठो प्राकृतिक टलुवा हो । पुरैनाहे नेपाली भासामे कमल कहिके चिन्ह्जाइठ । ओहे मारे इ टलुवाहे कमल पोखरी फेन कठैं । पुरैना फुला से भरल हुइलक् ओर्से स्थानीय लोग एकर नाउँ पुरैना ढरलैं । मने पाछे जाके गैर थारु लोग सहि उच्चारण करे नैजानके कमल पोखरी ढारडेलैं । एकर असलि नाउँ पुरैना जो हुइस् । सुरुमे इ टलुवा ६० बिघामे फैलल् रहे । बर्सल पानीसे बनुवँक् माटी पुह्के टलुवा बहुतसे भँठसेकल बा । मोहेकमारे अज्कल इ टलुवा अझ्कल ३५ बिघामे सिमित हुइल बा । एकर लाग फेन से पुराने संरचना जस्ते बनैनामे स्थानीय निकायसे गेह हुइटी बा ।

सुन्दरता-
कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ३ उत्तर भररि कैलालीमे अवस्थित बा इ टलुवा । कैलारी गाउँपालिका कार्यालय रहल बजार हसुलियासे ५ किलोमीटर पस्छिउ उत्तर परठ इ टलुवा । अझ्कल पुरैनक् फुलासे रंगिबिरंगी ओ हरियर बिल्गाइठ । सेल्खी, कट्गेंररा लगायट टमान मेरके जरिबुटी फेन मिलठ् यहाँ । टलबक्टी, मैना, सुग्गा, गैनी, बाज, खेखौरा, साँप, गोजर, बिच्छी लगायट कैयो मेर्के चिरैंचुरंगन ओ जिवजन्तु फेन मिल्ठैं । टलुवाके ठेक्का लेके लोकल बक्ती, राज बक्ती ओ चाइनिज बक्टी फेन पालन हुइल बा इ टलुवम् । यहाँ कमन, ग्रास, सिल्भर मछ्छी पालन फेन कर्ठैं ।

भ्यिउ टावर –
टलुवाहे चारुवरसे अवलोकन करक् लाग टलुवक् उत्तर ओर भ्यिउ टावर बनाइल बा । जहाँसे चहुर्के पूरा टलुवा प्रस्ट्से हेरे सेक्जाइठ । छोट छोट लर्कन्के लाग बल्हा (पिन्ग) फेन बनाइल बा । बनभोज खैना ठाउँ फेन बरा सिट्टर ठाउँ बा । पानीमे सयर करक् लाग लाउक् सुबिधा बा । आन्तरिक पर्यटक ढिरे ढिरे ऐटि बटैं । प्रचार प्रसारके कमि बा ।
टलुवक् बुच्चेम् एक्ठो टापु बनाइल बा । पर्यटक ऐलेसे ओहै जाके खान पिन करे सेक्ना व्यवस्था फेन बा । लोकल मुर्गिक् सिकार, लोकल, चाइनिज बक्तिक सिकार, अन्डा, घोंघी, अमन, ग्रास, सिल्भर मछ्छिक् स्वाद लेहे सेक्ना बा । हरियर, सुन्दर, शान्त वातावरण मे राहरंगी करुइयन्के लाग बरा गजप के ठाउँ हो पुरैना टलुवा ।

संरक्षण –
टलुवक् संरक्षणके लाग थारु सामुदायके परम्पराके ईतिहाससे जोरल बा । स्थानीय मनिराम चौधरी लगायत ३ जहन के सझिया ठेक्कासे इ टलुवामे मछ्छि ओ बक्टी पालन कैके टलुवाहे पर्यटकीय स्थल बनैनामे महा जोरसे डँटल बटैं । कैलारी गाउँपालिका पर्यटकीय क्षेत्र बनैनामे ढ्यान डेले बा । मने ओट्रासे सम्भव नैहुइसेकी । एकर लाग केन्द्र सरकार के जरुरत बा । इ टलुवा मे घोंघी, घोंघा, सुटही फेन मिल्ठैं । प्रचारप्रसारके कमिसे इ टलुवा ओल्ढारमे परल बा । विश्व सिमसार क्षेत्र बनैलेसे बाह्रय ओ आन्तरिक पर्यटक ऐना ढेर सम्भावना बा ।

सिचाइ-
इ टलुवक् पानी जेडा हुइलेसे कृषिमे लगानी लगैना वयवस्था कैगैल बा । इ टलुवक् पानी भररी, लालपुर, निमुवाबोझी गाउँक् किसानलोग उपभोग करे पैले बटैं । इ तीन गाउँक् किसानन्हे कृषि सिचाइके लाग बहुत सुविधा हुइल बटिन । ओहेकमारे यहाँ कृषि उत्पादन मजा बिल्गाइठ ।

जैना डगर-
धनगढीके क्याम्पस चोक (गुर्ही चोक) से २७ किलो मिटर पुरुब हुलाकी सरक फुलवारी हुइटी जाइ परठ । डख्खिन भररी चोकसे सिढे उत्तर जाइ परठ । २ किलोमिटर उत्तर जैबी टे बनुवँक किनारे मुस्कुरैटी पुरैना टलुवा अप्नेनहे स्वागत करी ।

व्यवसायीकरण-
टलुवामे बहुत मेरके व्यवसायी करे सेक्ना सम्भावना बा । स्थानीय मनिराम चौधरी लगायत ३ जहनके टिम ओहे टलुवामे मच्छि ओ बक्टी पालन कैले बटैं । जहाँ कुछ युवा रोजगार फेन पैले बटैं ।

प्रचार प्रसारके अभाव-
पुरैना टलुवा धनगढी सहर से दुर हुइलेक ओरसे ओत्रा प्रचार प्रसार हुइनैसेकल हो । एकर बारेम स्थानीय निकाय गाउँपालिका, वडा पालिका ध्यान डेहे पर्ना जरुरी बा । साहित्यकार, पत्रकार, विद्यार्थी लगायत आन्तरिक ओ बाह्य पर्यटक प्रत्यक्ष अवलोकन करैना जरुरी बा । चली सक्कुजे अपन अपन ठाउँसे पुरैना टलुवाके संरक्षण सम्वर्धन कैनामे परगा बर्हाइ । सुन्दर शान्त हरियर वातावरण मे रमाइ । राज्यके लजर हलि पुगे सुसार कर्नामे । स्थानीय लोग आब जुर्मुराइ पुरैना टलुवाहे एक पर्यटकीय क्षेत्र बनाइक लाग ।

सागर कुश्मि
(लेखक निसराउ साप्ताहिक पत्रिकाके प्रधान सम्पादक हुइटैं ।)


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