अत्वार पुष ०७ , ७ पुष २०८१, आईतवार| थारु संम्बत:२६४७

बनुवाँ ओ अक्सिजनके सम्बन्ध

बनुवाँ ओ अक्सिजनके सम्बन्ध

बिचार

संसारम जीव ओ जगतके विकास क्रमम एक डोसर अपरिहार्य नैहोक नैहुइना कलक् कार्वनडाइकसाइड ओ अक्सिजन हो । यी डुनुम अन्तरसम्बन्ध कसिन रहठ ? विशेष कहिके प्राकृतिक बनुवाँ, वन्यजन्तु ओ हम्र मनैन्के विचके जोरल करी कसिन हुइक पर्ना हो, कसिन हुइटा ? हमार नेपाल प्राकृतिक सम्पदाले भरिफराउ बा । तर फेन कोरोना महामारीके कारणसे पैदा हुइल समस्याले अक्रान्त बा, हुइटा । आझ धनी गरिब विकसित ओ विकासोन्मुख कौनो देशफे इ समस्यासे छुट नैपैल हो ।

यद्यपि हमार देश नेपाल विश्वम अक्सिजन माग बमोजिम निर्यात करक् पर्ना हो । तर अपन देशके उपभोक्तन अक्सिजन बेगर ज्यान गुमाइ परटा ।इहिसे हमार बनुवाँसे सम्बन्ध कसिक् बनाइक् पर्ना हो ? कना विषय जवरजस्त आझुक संवेदनशील परिस्थिति सिर्जना हुइल बा । आइ खोजी सक्कु जाने समाधानके उपाय, जब देशके देशभक्ति स्वाभिमानी
स्थाइ, अस्थायी राष्ट्रसेवक ओ सिङ्गो देशके संरचना चेतनसिल जागरुक जनतनके वास्तविक भुमिपुत्र
प्राकृतिक बन संरक्षक हुकनक् प्रत्यक्ष सहभागीता हुइना शासकीय स्वरुप बनाइक् परल । नेपालमे बनल मौजुदा कानुन सहअस्तित्वम रहल सक्कुन समान तरिकाले उँचनिच नैकैक कडाइके साथ पालना कराइक् पर्ना बा । अब्बा देशके अवस्था जेकर हाँठमे चटुवा डबला बा, उ जत्रा जे करलसे फेन ओह हुइना मेराइक (दलाल संसदीय व्यवस्था) आदिबासि भुमिपुत्र हुकन राज्यके सक्कु अंगम जनसंख्याके आधारम सहभागीता सहित सत्ताके बागडोर ओ खाइल पियल हुकनक् अनुभव समानताके चेतनायुक्त विचारले निर्देश कर्ना संरचना बनाइक् पर्ना बा ।

आझ हमार देश एकात्मक सामन्ती शासन व्यवस्थाके अन्त्यसंग पुँजीके विकास क्रम अनुसार अधिकारके नाउँम अपन कर्तव्य भुलल् नागरिक जैसिन
दलाली हुकनक् विगविगीसे सुशासित देशभक्ति हुक्र छाँयाम परल बा । देशम निश्पक्ष निर्दिष्ट मौजुदा कानुनक पुर्ण पालना करना हो कलसे राज्यके मुख्य- मुख्य पहुँचम रहल ओ सामान्य नागरिक समान सजायके भागेदारि बनैटी कि समाजवादी उन्मुख पुरा प्रक्रिया बर्हना हो । समय परिस्थिति अनुसार आवश्यकता बमोजिम सिस्टम बडल्ना ओ कडाइपुर्बक कार्यान्वयन करैना हो । ओह
मेरिक राज्य संरचना बनैना हो । विडम्बना नेपालम नै हुइलक् मारे निराशा ढेर बा । नेपाल अघोषित विकसित राष्ट्रके औपनिवेशिक बनसेकल् । यहाँके राजनीतिक दल हुक्र उहाँ हुकनक् खेलाडी किल हुइट ओ सक्कु हम्र हैसे कना ठाउँम पुगल बटी । इ सक्कु कुण्ठा ओ निराशाके माहोल सिर्जना करुइया स्वदेशी दलाल हुक्र बाट । यकर छत्रछायाम बनुवाँमे फेन लागू हुइल बा । यी विषयम ठोर बहुत अपन अनुभव प्रस्तुत करटुँ ।

सुखि नेपाली समृद्ध नेपाल नाराम अथाह सम्भावना
बोकल हमार नेपाल बा । बनुवाँ सम्बन्धि नेपालक मौजुदा कानुन वन ऐन ०७६, वन नियमावली ०५१, सामुदायिक वन कार्यक्रम मार्गदर्शन ०६५, सामुदायिक वन निर्देशिका०७१, वैज्ञानिक वन व्यवस्थापन कार्यविधि ०७१, सामुदायिक वन आर्थिक कार्यविधि ०७३  ओ अन्य बनुवाँसे सम्बन्धित टमान कार्यविधि, निर्देशिका मपके निर्णय समय अनुसार संशोधित कानुनके सामुदायिक वन लगायत संरक्षणकर्मी हुक्र अनुशरणकेल कर्ल रहिंट ओ बाट ।एक्काइसौं शताब्दीके प्रविधियुक्त समयके माग अनुसार बनुवाँ संरक्षण, संवर्द्वन, सदुपयोग तथा विकास परम्परा सोच चिन्तनसे मुक्त हुइक् पर्ना अनिवार्य होसेकल । परम्परागत तरिका दिगो बनुवाँ व्यवस्थापन बाली चक्रहे स्थापित करटी अब्बक् माग ओ आपुर्तिम मेल नैखाइठो । बनुवाँ सक्कु जनहन सहअस्तित्व स्विकार कैकन आवाससे लेक जीवन डेहठ । सर्वप्रथम ट हमहिन अक्सिजन डेहठ् । इ चिज नेपालम अत्यधिक उत्पादन हुइटा । उहि हम्र उत्पादन कर्ना उद्योग बनाइ सेकट नैहुइटी । अक्सिजन स्टोक कर नैसेकठुइ । एहोर ओहोंर दरबास जाइटा । ओकर व्यापार अघोषित दलाल हुक्र करटैं । अक्सिजन उत्पादन करक् लाग अरबौं रकम आइटा उ बालुमे पानी डारेहस् हुइटा । बनुवाँसे सम्बन्धित जडिबुटी, पातपतिङ्गर, काठिपाटा, काठखुँटा, जीजन्तुनके आवाससे लेक आहार मिलटा । उपभोक्ता संरक्षण, संवर्द्वन ओ विकास बालि चक्रके संग दिगो ओ पुस्ता हस्तान्तरणके पुर्ण अभ्यासम नेपाल सरकारक नीति तथा कार्यक्रम प्रस्तुत बजेट, राष्ट्रिय योजना आयोगक कार्यक्रम,
अर्थ मन्त्रालयद्वारा बजेट निकास होके सम्बन्धित सरोकारवाला हुकनके माध्यमसे स्वयम् उपभोक्ता समुह दस बर्षे कार्य योजना बनाक पहिल, डोसर वर्ष पुनरुत्पादान करटी, सहज रुपम काठि कठुवा पैटि अइलक् परिवेशम भ्याकुम बनल बा । यी समग्र पाटा पक्ष हो, कलसे उपर उल्लेखित नियमानुसार मौजुदा कानुन उपभोक्ताम निहित राष्ट्रिय बनुवाँके कुछ हिस्सा संरक्षण, संवर्द्वन ओ विकास कैके वन ऐन, नियमावली, मार्गदर्शन, कार्यविधि बमोजिम करटि अइलक् पटे बा । तर फेन केही संरक्षणक नाउँम अपन व्यक्तिगत फाइडा किल लेहुइयनके फन्डाम फस्के जौन सामुदायिक बनुवाँहे बद्नामिट बनाइ खोजल इ उपभोक्तनके लाग दु:खत घटना २०७७ जेठ १५ गते मपके निर्णयले कार्यक्रम बन्द हुइल ।

यिहिले नियमानुसार करुइया नैकरुइया सक्कुहुन धरापम पारल । वैज्ञानिक वन व्यवस्थापन कार्यविधि २०७१ खारेजी हुइल । एक वर्षके अन्तरालमफे
यहिसे उपयुक्त वैज्ञानिक कार्यक्रम डेहे नैसेकठो ।एक्ठो कहकुट बन्गैल बा । बाँदर ना अपन घर बनाइठ् ना औरे जनहनके घर बनाइ डेखेसेकठ् ।” अब्बा सम्म आम उपभोक्ता उत्साहजनक बनुवाँमे संरक्षण, संवर्द्वन ओ विकासम अत्यधिक सहभागीता जनाइ टहिंट । यहाँ  पुर्ण समानुपातिक सहभागीता चोरि, शिकारी नियन्त्रण क्रमिक रुपम सुधार बनुवँक् हैसियत बनटि जाइटह । जब लाभ विनाक संरक्षण ओ हाँठ बाँन्ढके बनुवाँ हेरौं कलैं, टबसे उपभोक्ता निराश चोरीपैठारी शिकारी उक्षृङखल तत्वके खेलना स्थान बनुवाँ बनल बा । बनुवाँ भिट्टर घुसे नैपैल ।
काठि, पटिया, माटि, कठुवा टक संरक्षण करुइया नैपाठुइँट् । सारा बनुवम् आगि लागटा वन्यजन्तुनके विचल्ली बटिन, अरबौंके काठि, कठुवा आगि लागके नष्ठ होगैल । तर संरक्षण करुइयनके कानुनी हाँठ बाँढल बटैं । कुछ गलत मन्सायसे करुइयन कानुनी दायराम लानक समग्र कार्यक्रमह समय अनुकूल परिस्कृत कैक आघ बर्हैना हो । विडम्बना ओइसिन नैहो ।

उपर जट्रा उल्लेख करलेसे फेन आखिरम जीवन जीएक लाग मनैंनहे अक्सिजन चाहठ् । आझ विश्वम अक्सिजनक हाहाकार बा । अक्सिजन उत्पादन कर्ना श्रोत बन्द कैडेबी कलसे हम्र इ कोरोना महामारीसे सामना कर्ना उपाय का रहि । एकान्त घरम् बैठटुँ , पेट खैना मागटा । बाहेर जाइटुँ कोरोना लागटा । यी डुनु संग कसिक मिलि । भुखले मुवटो कि कोरोना महामारीले मुव चाहटो । मुना ट निश्चित बा । मुवाइ कौन रोजटो कना किल हो । हमार देशके अवस्था इ बा । ढोटि सवाँरटुँ, टोपी नैहो । टोपी सवाँरटुँ ढोटि नैहो, हजुर । मै सुशासित कर्तव्यनिष्ट कसिक बनु । अक्सिजन खोजटुँ, बनुवाँ विनाश करटुँ । बनुवाँ बचाइ खोजटुँ, अपन पहुँचम काम करैना  ढंग नैहो ।आझ नेपालक वास्तविक गति इहे हो । टबक् मारे अपन जिएक लागफे बनुवाँ जिवइना अनिवार्य बा, कहिके कहिया कानुन बनुइयनके ओ पालना करुइयनके ताल मिलि टो ठोपरी बजाप । बनुवाँ ओ अक्सिजनके सम्बन्धसंगे बनुवाके विनाश संगे सटि जैना हुइली हम्रे मनुष्य । ओहेमारे अझ्कलके जुगमे बनुवाँ ओ अक्सिजनके गहिर मैयाँ ओ सम्बन्ध बा । धन्यवाद ।
वीरबहादुर राजवंशी
कृश्नपुर-६ बन्जरिया कंचनपुर


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