शुक बैशाख १४ , १४ बैशाख २०८१, शुक्रबार| थारु संम्बत:२६४७

गुर्ही टिहुवारके गुरछार बात

गुर्ही टिहुवारके गुरछार बात

थारु समुदायके अपन मौलिक पहिचान बा । इतिहास बा । संस्कृति कौनोफे जातिके जातिय पहिचान कला संस्कृति ओ भासाके संगे जुरल रहठ् । थारु जातिनके टिहुवार मनसे गुर्हीफे एक हो । ठाउँ अनुसार मनैना चलन बा । टमानसे ठाउँमे गुर्ही नैमनैठैं । खास कैके डेउखरियन मनैठैैं ।

कैलालीमेफे थारु कल्याणकारी सभा, सखि संजाल, थारु विद्यार्थी समाज, थारु पत्रकार संघ लगायत संघ संस्थाके संयुक्त आयोजनामे हरेक साल गुर्ही मनाजाइठ । गुर्ही चोक (क्यामपस चोक) मे हरेक साल गुर्ही मनैटि अइलक ओरसे यि चोकके नाउँ गुर्ही चोक कैह्केफे चिनजाइठ । गुर्ही थारु समुदायके एक टिहुवार हो । यि टिहुवार कौनोफे रोग बिरोग नालागे, कौनो मेरके दुःख ना सटाए कैह्के गुर्ही मनैना करठैं । यि टिहुवार सावन महिनाके सुक्ल पक्षके पन्चमीके दिन परठ । ओहे दिन नांगपञ्चमीफे परठ् । थारु समुदायके गुर्ही टिहुवारके अपन समाजिक मुल्य ओ मान्यता बटिस । नागपञ्चमीके अपन छुट्टे मान्यता बटिस । गुर्ही टिहुवार एक एक गुर्ही नाउँके किरा संगे जोरल बा । गुर्ही एकठो उर्ना किरा हुइटैं । यिहे किरा हुकनके पुजासे धानमे लग्ना किरा माहामारी रोगव्याधी सक्कु मेरके किरा कम हुइठैं । कना थारु समुदायके विस्वास बा ।

समय परिस्थिति जैसिन रलेसेफे हमे्र थारु हुइटि । सिजन अनुसार हमार अपन छुट्टे रिितरिवाज, खानपान, संस्कृति, भासा, कला, भेसभुसा चालचलन बा । थारु समुदायमे अपन अपन नाट पाटन चेलिबेटिन, गैगोटयार, आसपासके समाजहे बलाके खानपिन, राहारंगीट, मेरमेराइक नाच गान करटि रातभर रमैना करठैं । गाउँक् कन्या लौडा, लौडिन गुर्ही असराइ लैजिठैं । कन्याँ लौडि लुग्गाके टुक्राके बनाइल गुर्हीके रुपमे गुडिया, चनाके घुघरी ओ औरेफे बहुट चिजके परिकार लोके थारु पहिरनमे सजाके गाउँके डख्खिन चोकमे जमाट हुइठैं । गुर्ही अस्रैना बेला माहामारी जैसिन रोग सक्कु लैजा, रोगव्याधी लैजा कहटि गुर्ही संगे पठैठैं ।

प्हिले पहिले टिहुवार लग्गे अइटि रहेबेर हरेक बरस कुछ थारु गुर्वा हुक्रे राज्यहे ध्यान आर्कषण कराइ पर्ना रहिन । काहे कि थारु समुदायके संस्कृति समग्र नेपालके संस्कृति हो । सरकारसे थारु समुदायके कला, संस्कृति संरक्षणके लाग हरेक ठाउँसे पहल हुइ पर्ना हो । गुर्ही एकठो किल मनैयाँ नैमानके थारु समुदायके हरेक व्यक्ति मनैना तिहुवार हो । थारु समुदायसे गाउँ गाँउ मनैटि खाइल टिहुवार सामुहिक रुपमे गुर्ही चिरैं, भजहर, अस्टिमकी, अँटवारी, माघ, हेरेरी पुजा लगायत औरे टिहुवारफे मनैटि आइल बटैं ।

यि बरस सामाजिक दुरी कायम कैके गुर्ही टिहुवार मनैना सखि संजाल कैलालीसे सक्कुहुन अुरोध करले बा । विश्वभर माहामारीके रुपमे फैलल् कोरोना भाइरस के डर टरास अवस्थाहे मध्यनजर कर्टि सखि संजालसे यि बरस सामाकि दुरी कायम करके, भिरभार नैकरके अपन अपन गाउँ घरके चोक चोकमे मनैना विज्ञप्ती मार्फत अनुरोध करले बा । सखि संजाल लगायत टमान संघ संस्थाके बैठकसे ‘अपने ओ औरेहेफे बचाउ’, ‘सुरक्षित ओ स्वस्थ रहि’ कना भाव सहित सुरक्षीत ढंगसे गुर्ही मनैना सक्कु जहन अनुरोध करले बा । गुर्ही असराइ जैना जिहिफे मास्क अनिवार्य हुइ पर्ना, भिरभार नैकैना, समाजिक दुरी कायम करके गुर्ही मनैना योजना बनैले बा ।


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