बुध बैशाख १२ , १२ बैशाख २०८१, बुधबार| थारु संम्बत:२६४७

थारु जातिनके भेसभुषा ओ गरगहना

थारु जातिनके भेसभुषा ओ गरगहना


थारु जातिनके अपन अलग पहिचान बा । अपन पहिचान संगे नेग्ना हमार सक्कु थारुनके अधिकार हो । थारु समुदायके चालचलन रितिरिवाज संस्कृति, भेसभुषा, रहनसहन, गरगहना पुर्खौली सम्पती हो । इ सम्पतीहे बचाइ पर्ना हमार थारु जातिनके सबके अधिकार हो । थारु समाजके भेसभुषाके पहिचान, थारु जातिनके पहिलेसे पुर्खनके पालासे चलटी आइल रीतिसंस्कृति, परम्परा रहनसहनहे लोप नैहुइ डेके विश्वाव्यपीके रुपमे जनैना, फैलैना पहिचान कैना सक्कु थारु जातिनके लक्ष्य हुइ परल । पहिलक् पुर्खनके पालासे हमार थारु समुदायमे भेसभुषा ओ गरगहनाहे संस्कृति सम्पदाके रुपमे मनटि आइल बटैं । पहिलक् हमार आजापजाके पालासे थारु जातिनके लगामहे भेसभुषाके रुपमे चिन्हैंइटि आइल बटैं ।अझकलके युग आधुनिक युगमे पहिलक पुरान रीति संस्कृति हेरैटी जाइट बिल्गाइठ । हमार थारु जातिनमे फें टिहुवार के समयमे किल थारु पहिरन लगैना डेखापरट् । ढिरेढिरे थारु संस्कुति हेरैटी जाइट डेखा परठ् । हमार संस्कार समय परिस्थिति जस्ते रहलेसेफें हमरे थारु जात हमार पुर्खासे चलल रीतिरिवाज, संस्कृतिहे कबुनै भुलैना हो । थारु समुदायके भेसभुषा ओ गरगहना अट्रा सोवाहन डेखाइ कि विदेशी पर्यटक ओइने फेन हमार थारु समुदायके लगाम लगाके रमाइलो करठैं । असार महिनामे धान लगाके ओरैटी किल सावन महिना मसे टिहुवार सुरु हुइजाइठ् । टिहुवार अनुसार मेरमेराइ खैना, पिना बनाइल रहठ् । गाउँ, ठाउँ हमार समुदाय बरहिया रहे कहिके गाउँक् मनैनहे भुटपे्रट ना सटाए कहिके समय समयमे पुजापाठ, मनौटा करठैं । जब टिहुवार आइठ टे अपन नाटपाँटन चेलीबेटिन गाउँ ठाउँ समाजके मनैं बलाके खानपिन ओ रमाइलो कर्नाके संगे नाचगानके व्यवस्थाफें रहठ् । दशैं टिहुवार आइठ् टे थारु  समुदायमे सक्कु गाउँभरीक्  मनैं जन्नी, थारु अपन अपन पुर्खौली भेसभुषा, गरगहना लगाके सबजे एक ठाउँ जम्मा हुके खानापिन, नाचगान रीतिरिवाजमे राहरंगी करठैं । थारु समुदायके मनैं खास करके कृषी पेसामे लागल डेखैठैं ।हमार भेसभुषा हमार पुर्खा आजापाजनके बनाइल भेस हो । थारु भाषामे गरगहना कलक जन्नी मनैंके लगैना सिंगार पटार करना गहनाहे गरगहना के रुपमे मनमयँट् । पहिलक समयमे हमार आजापाजनके अपन अपन घरपरिवारके चेलीबेटिन, जन्नी ओइन लाग माँगमे लगैना चाँदीक् मगिया, कानमे लगैना कनसेहरी, गोरामे लगैना पायल, सुटिया, झिलमिल्या, टाउक् अस्टे अस्टे मेरमेराइक गरगहना बनैले रहिंट । पुर्खनके बनाइल सम्पती अझकलके जबानामे सब पुरान गरगहनाहे बेंचके लावा तरिकासे बनाइल डेखा परठ् । हमार बुडुबुडीनके बनाइल सम्पतीके लोप हुइटी जाइटा ।परम्परा ओ रीतिसंस्कृतिहे हेरना हो कलेसे हमार थारु समुदायके रीतिरिवाज, रहनसहन हैरैटि जाइटा । हमार रीतिसंस्कृतिहे बचाइ पर्ना हमार कर्तव्य हो । यी थारु जातिनके सम्पदा हो । पुर्खनके मेहनतसे बनाइल सम्पतिहे जोगाइ पर्ना जरुरी बा । कट्ना सोहवान बिल्गाइठ् हमार थारुनके लगाम । अपन लगामहे सांस्कृतिक कार्यक्रममे प्रदशन कर्ना हमार अधिकार हो । थारु समुदायके परम्परा, रीतिरिवाज, चालचालन, पहिचान फेन हेरेटी जाइटा ।


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