शनिच्चर पुष ०६ , ६ पुष २०८१, शनिबार| थारु संम्बत:२६४७

घर सजाइ सोहावन बिल्गाइ

घर सजाइ सोहावन बिल्गाइ

घर सजाइ सोहावन बिल्गाइ

घर कठ्वा, खँरिया, खर्ह, टायल छाँके बनाइ झाेंपरीहे घर कैजाइठ् । विश्वमे सक्कु जहन घरके जरुरत परठ । मैननसे लेके सक्कु प्राणी ओइन फेन अपन सुरक्षाके लाग घरके जरुरत परठ । घर फेन टमान मेरके बनाइ सेक्जाइठ् । अझकलके आधुनिक समयके टमान मेरके डिजाइन डारल घर बिल्गाइठ । सययके संगे घर फेन परिवर्तन हुइटि बा । पहिलेक जबानाके घरमे कौनो डिजाइन नैरहिन् । खर्हसे घर ओ टाइलसे छाँइल घर रहिन । ओहे खर्हसे बनाइल घरहे माटीले निपके सुग्घुर सफा बनैले रहिंट । मने अझकल अइसिन घर हेरैटि जाइटा । समयके संगे घर बनैना तरिका फेन बडलटि जाइटा । हमार पुर्खासे चलटि आइल घर लोप हुइना अवस्थामे बा । अइसिन घर बचाइक लाग सक्कु जाने इँट्टाके पक्की घर नैबनाके पहिलेक पुर्खौंसे चल्टि आइल जस्टे कक्ची घर बनैना जरुरी बिल्गाइठ् ।

पहिलेक जैसिन घरमे बैठ्ना अझकलके मनै नैरुचैठैं । ओहे घरमे बैठ्के हमार डाइबाबा हम्रिहिनहे बह्राइल पौंह्राइल हुइँट् । खर्हसे बनाइल घरहे लिपपोट कर्बो टे कच्ची घर फेन पक्की घरसे मजा नैबिल्गाइठ् । कच्ची घर फेन खर्हसे बनाइल घर लिपपोट कर्बो टे बैठ्ना लायक बन्जाइठ । खर्हसे बनाइल घर फेन डिजाइन डारके लिपपोट करर्बो टे कच्ची घर फेन बहुट मजा बिल्गाइठ् । घरक् गिनोरे सफा कैके अँगना फेन लिपपोट कर्बो टे घर फेन बरा सोहावन बिल्गाइठ् । कच्ची घरके डवारमे लेस लगाडेबो टे आउर सोहावन बिल्गाइठ् । पहिलेक मनै घरहे डिजाइन डारके निपिंट । घरहे चौपट्टी डारके निप्के सजाइँट् । अझकल यी चौपट्टी डारल निपाइ हेरागैल बा । अझकल ढेर पक्की घर बनाइ लिग्गैल बटैं । ओहेमारे निपाइके डिजाइन हेरैटि जाइटा । पहिलेक मनै घरमे ऐना डारके फेन सजाइँट् । पहिलेक मनै टमान तरिकासे घर निप्के बनाइँट् । अपन इच्छा अन्सार फेन डिजाइन डारके बनाइँट् । थारु समुदायके निपल घर छुट्टे बिल्गाइठ् । थारु समुदायके मनै प्रत्येक टिहुवारके घर निप्ना सजैठैं । डस्याके चाउरमे पिठासे घरमे भिट्टामे छाप फेन लगैठैं । प्रत्येक बरस थारु समुदायमे टिहुवार अइना बेला घर सजैना काम करठैं ।

हमार थारु समुदायमे टमान मेरके घर बनाके सजैना काम करठैं । अझकालके आधुनिक घर सिरमिट लगाके घर बनैठैं । अझकलके घरमे इँट्टा सिरमिट पठ्रा बालु लगाके घर बनैठैं । यी घर बहुट बलगर ओ ढेर बरस सम टिकठ । पहिलेक कच्ची घर जुन प्रत्येक बरस बनाइ परठ । कच्ची घर प्रत्येक बरस बनाइ परलक ओरसे टमान मनै पक्की घर बनाइ लग्नैं । घर निपक लाग माटी फेन नैमिल्लक ओरसे फेन कच्ची घरके लोप होगैल बा । पक्की घरमे मिस्टरी ओइनसे टमान मेरके बुट्टा डारके घर बनैलक ओरसे घनिघनि यी घरहे सजाइ नैपरठ । पक्की घर पाछे समके लाग सहज होजाइठ । पहिके मनै घरक् बाहेरके भिट्टामे, बहरिक भिट्टामे घोरिनके मँजोरिन चित्र बनैले रहिंट । हमार थारु समुदायके चलन फेन रहिन । सक्कु घरमे घोरिनके चित्र ओ मँजोरिनके चित्र किल बनाइल बिल्गाइ । अझकल यी सक्कु चलन हेरागैल बा । घोरिन मजोरिनके सट्टा अझकल फुलक् बट्टा, मनैन्के बुट्टा बनाइ लागल बटैं । पहिलेक चलन छोरके अझकलके लावा चलन प्रचलनमे आगैल बा । आइ चलि हमार थारु समुदायके घर बनैना चलन हम्रे जोगाइ । थारु घर, थारु भेष, थारु चलन अन्सार सक्कु जाने मिलके बचाइ हम्रे अपन चलन ओ संस्कृति ।
रविता चौधरी


error: Content is protected !!