मंगर बैशाख १८ , १८ बैशाख २०८१, मंगलवार| थारु संम्बत:२६४७

थारु जातिके पहिचान

थारु जातिके पहिचान

थारु जातिके पहिचान
थारु जाति नेपालके प्राचीन जाति मध्यमे फेन एक थारु जातिके हो । यी जात तराइके मूल बासिन्दा हुइटैं । विश्वके सन्दर्भमे यी जाति बहुट देशमे यी जातिके बसोबास बा । नेपाल देशके पूर्वी सिमानासे पश्चिम सिमानासमके तराइके उर्वर भूमि मैदान फाँट, चुरे ओ महाभरत पर्वतके बीच भित्री भागमे यी जाति हुकनके बसोबास बटिन । यिहे समयमे गैर थारु प्रदेशमे बसोबास कर्ना जातिहुक्रे तराइमे आके बसोबास करलैं । यी जातिहुक्रे अपन मूल ठलो छोरके औरे ठाउँमे गैल नै हुइटैं ओ यी जाति अब्बे औरे ठाउँमे फेन जही काजे की पहिलेके समय हस नै हो । तबे मारे यी जाति अब्बे अपन मानव अधिकार यी हे ठाउँ ठलोमे नै राज्यसे अधिकार लेहेक परठ । कैके यीहे समयमे अपन जातिके लाग अन्दोलन करटी अइटी बटैं ।


थारु जातिके उत्पति
आद्यमहाकल्य अन्तरगत आर्कियन ओ प्रीकैम्बी्रयन युगमे एक ठो विशल तारा सूर्यके नजिकमे आइल टे ओकर आकर्षण हुकनहे कौनो भागमे ज्वारीय अलग हुइल टे यी भाग कौनो समय पाछे ठण्डा हुइल टे यी पृथ्वीके रुपमे विकास हुइल कना विद्घानके कहाइ बा । यी करीब ५ अरब बरस आघे हुइल घटना हो । यी समयमे जीव विहिन रहे ओ पृथ्वीके उत्पत्तिके समयकाल रहे । ओकर पाछे यी समयमे सबसे पहिले ग्याँस, हावा, पानी, वर्षा हुइल ओढुंगा, चट्टान, माटी, ताल, पोखरी समुन्द्र, रुख्वा घाँसपात हुइल टे भूगोलके हलचल पाछे बहुटे पहार, पठार, मैदान, सागर, आदि चिजके उत्पति संगे समुद्रमे समुद्री जीवके उत्पति पाछे स्थलीय ओ वायुमण्डली जीव ओ औरे लावा–लावा किसिमके रुख विरुवा विकास हुइटी गैइल । यी समयमे मानवके उत्पत्ति हुइल काहन अभिन प्रमाण नै हो । थारु के हो ? काहनके बारेमे अभिन फेन विद्घावनहु्रके्र एकमत नै हुइ सेकल हुइटैं । वर्तमान समयमे आके थारु जातिहे मङ्गोल नै होके औरे जाति होइ कहानफे बटिन । विद्धान हुकनहे । मुसलमानी आकमणके समयमे यी ठाउँमे थारु हुकनहे आशा कैके बैठ्लैं । मने थारु हुइ नै कठैं । मगर जाति पहारसे तराइ आके थारु हुइल कना कहाइ यी बा । थारु जातिमे मलेरिया रोग प्रतिरोध करेसेक्ना जाति हुइटी । प्रतिरोध करेसेक्ना जाति कमटीमे फेन यी जाति तीन हजार बरस पहिले यी ठाउँमे आके बसोवास करल जाति हुइट थारु । थारु जाति तराइके बाबा फेन हो । थारु अपनहे यी जातिके कार्यपालिका, व्यावस्थापिका, न्यायपालिका अपन किसिमके शासन पदति बटिन । जे हुइलसे फेन यी जाति अतर पुरान जाति हो । काजे की कोइफे विद्धान नै सेकही ओ यी जाति तराइ मलिका फाँट तयार करुइया जाति हो कना दुइ मनके बाट नै हो ।


थारु जातिके थर उपथर
सत्गैवा, दहित,घण्टही, कनपुजुवा, घोरा दहित, पुछकटवा, चरिया दहित कुसुम्हिया कुश्मी जोगी, कुसाहार कुश्मी, ठाकुर,सादा, राजपुत, ललदरियाँ, राजवंशी, वैदवा, वौखही, कोचिला भर्रा, पलपल, बचपुरिया, रत्गैंया, उल्टहुवा वौखही, बखरीया,घण्टही, धमलहवा,मधुवा नुनहवा, धारकटुवा ,गमुवा, कुर्मी, करियागमुवा, चुकाहा, घुरवा, भगोरिया, सोनपुरिया, चमार आउर टमान थरके मनैनके बासोबास बा ।


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