मंगर बैशाख १८ , १८ बैशाख २०८१, मंगलवार| थारु संम्बत:२६४७

हाँसी स्वास्थ्यके लाग अदभुत यन्त्र हो

हाँसी स्वास्थ्यके लाग अदभुत यन्त्र हो


हम्रीहिन हाँसक् लाग रुपिया पंैसा नैचाहठ् । हाँसी कना चिज किहुसे उधारी लेना चिज नैहो । ना हाँसक् लाग कौनो तयारी करे नैपरठ । हाँसी असिन चिज हो । जेकर मालीक हमे्र खुद हुइटि । हाँसक् लाग किहुसे पुछे नैपरठ । हमार रुचिके बात हो । यि प्रकृतिक डेहल पहुरा हो । मने हम्रे हँस्नामेफें कन्जुस कर्ठी । हम्रे जब हँस्ठी टे मनमे रहल सक्कु चिज बिसरा जैठि । हाँसी असिन चिज हो जब हम्रे दुःखमे रठी उ समय केउ हम्रीहिन हँसाडेहल टब हम्रे अपन मन खोल्के हँस्ठी टे हमार मनमे रहल सक्कु दुःख भुलाइ सेक्ना शक्ति एकठो सामान्य हाँसीमे रहठ ।मानौं जिउ खोलके हँस्लेसे हमार गोझु खाली होजाइ कठैं । ओहे कारण अझकल हाँसी दुर्लभ हुइटि जाइटा । हँस्नाके फाइदा हेर्बी कलेसे, पक्काफें हम्रे हाँसीके लाग कन्जुसाइ नैकरठी । हाँसी मनैनके रिसहे नियन्त्रण करठ । सुन्दरताफें मनैनहे स्वस्थ्य बनैना काम करठ । टबबिहि हाँसी हमार स्वास्थ्य सम्बन्धी टमान समस्यासे समेट दुर कर्नामे मद्दत करठ । एक्ठो अनुसन्धानमे बटागैल बा । मनै दिनमे १३ चो सम हाँसे परठ कनाफें स्वास्थ्य बटाइठ ।हाँसी हमार शरीरहे सकारात्मक असर पर्टी ध्यानमे ढारके आझ बिश्वके टमान देशमे लाफटर क्लबके निर्माण हुइल बा । हाँसीसे हमार शरीर पर्ना सकारात्मक असर यि मेर बा ।१. हाँसीसे तनाव ओ डिप्रेसन कम हुइठ ।
२. हाँसी प्रकृतिक रुपमे पेनकिलरके रुपमे काम करठ, जेकर कारण डुखाइफे कम करठ ।
३. शरीरमे अक्सिजन प्रवाह करठ ।
४. हमार रिसहे नियन्त्रण करठ ।
५. शरीरके रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बहराइठ ।
६. सुन्दर अनुहारके लाग हाँसी बहुट लाभदायक मान्जाइठ ।
७. मनैनके आत्मविश्वास बहरठ ।
८. मनैन किल नैहोके मुसनफें गुड्गुडैठिन ।
:blush: केकरो खुसीके स्तर मापन करे नैसेक्जाइठ ।
१०. कौनोफें मनैनके हाँसी एहाेंर ओहोरके वातावरण निर्भर परठ ।
११. हँस्नाके कौनो खास मतलब नैरहठ ।
१२. हाँसक् लाग हमार शरीरमे १७ ठो मौसपेशीके आवश्यक परठ जब कि रिसाइक लाग ४३ मांसपेसिके आवश्यक परठ ।
१३. अक्केली बैठ्ना मनैनमे ३० प्रतिशतसम् हँस्ना बानी कम होजैठिन ।
१४. कौनोफें मनैनहे आकर्षित करक लाग एक मुस्कान किल प्रशस्त रहठ ।
१५. सामान्य मनै तीन सय फित दुरसे हाँसल अन्ना ओ करे सेक्ना अनुभव करे सेकठ ।
१६. कौनोफें मनैनके हाँसी वरिपरिके वातावरणमे निर्भर परठ ।
१७. मनै अक्केलीफें खुसी ओ हाँसे सेक्जाइठ । हाँसक् लाग कौनो मनैनके जरुरी नैरहठ ।


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